अध्यापन के सिद्धांत भाषा
मेन थिअरी आफ लैंग्वेज टीचिंग मनोवैज्ञानिकों ने अनेक महत्वपूर्ण सिद्धांत संक्षिप्त विवरण भाषा शिक्षण के प्रमुख सिद्धांतों के माध्यम से जाना जाता है।
अनुबंध प्रक्रिया का सिद्धांत
भाषा के अनुबंध का साहचर्य नियम का योगदान सच्चा अवस्था जब बच्चे शब्द सीखते हैं तो सीखना अमूर्त नहीं बल्कि मूर्त की अवस्था में जोड़कर उन्हें सबको जानकारी दी जाती है।
अनुकरण का सिद्धांत
चैंपियन इटली कटी तथा वैलेंटाइन डे ने आज मनोवैज्ञानिकों ने अनुकरण के द्वारा सीखने का अध्यापक प्रणाली लागू किया और इस प्रणाली के माध्यम से परिजनों व साथियों को भाषा अनुकरण करके सीखने की प्रेरणा मिलती है।
सास की बारा अर्जित करने का सिद्धांत
शासकीय का कहना यह साबित हुआ कि नीचे संख्या में कुछ निश्चित नियमों का अनुसरण करते हुए वाक्यों का निर्माण करना सीखना आदि प्रक्रियाएं नए नए नए नए शब्दों का निर्माण करना आदि निहित होता है।
अब पीड़ा वरुचि के सिद्धांत का प्रतिपादन
हिंदी पाठ्य सामग्री प्रणाली के अंतर्गत बच्चों की रुचि आवश्यकता के अनुरूप दिन पर दिन बढ़ती जाती है।
क्रियाशीलता प्रतिपादन का सिद्धांत भाषा शिक्षण में इस सिद्धांत को अपनाए जाने की सिफारिश शिक्षा शास्त्रियों ने किया जिस्म की राशि के लिए छात्रों में पूछना स्कूल का साहित्यिक कार्यक्रम चलना छात्रों के प्रति संवाद स्थापित करना आदि प्रतीत होती थी।
थ्योरी ऑफ एक्सरसाइज
थाना एक ने कहा था कि भाषा एक कौशल विकास की प्रक्रिया है जिसका अभ्यास करने पर प्रमुख रूप से होता है।
समन्वय का जीवन से संबंध व सिद्धांत
बच्चे उन विषयों क्रियाओं से अधिक रूचि लेते जो रोमांचक हो मनोरंजन युक्त हो तथा चटपटे हो आदि का चयन बहुत जल्दी कैप सिटी कैपचरिंग करते हैं।
पाटन सामग्री तथा निश्चित उद्देश्य का सिद्धांत
भाषा शिक्षण के एक नहीं अनेक उद्देश्य मान जाते हैं इसमें ज्ञान कौशल ऊंची अभिति उद्देश्य प्राप्ति आती होती हैं जो निश्चित उद्देश्य सामग्री में सहायक होती है।
विभिन्न नेताओं का सिद्धांत भक्ति
कक्षा के छात्रों को बैंक की विभिन्न हटाएं कोई छात्र शुद्ध उच्चारण नहीं करता है तो कोई लेकर स्पष्ट नहीं करता है कुछ वाचन भी ठीक नहीं बोलते हैं कुछ लेकर शुद्धि लिखते हैं तथा कुसुम और भाषाएं लिखते ऐसे तमाम कमियां आती है अध्यापक इनकी वही मिलता है और कठिनाइयों को ध्यान में रखकर के बीच शिक्षण कार्य का समापन करता है।
अनुपात क्रम का सिद्धांत
आदित्य ने देखा कि भाषा शिक्षण का मूल उद्देश्य भाषा कौशलों के छात्रों को निपुण बनाना है इसमें लेखन कौशल अभिव्यक्ति कौशल पाठक वाचन कौशल श्रवण कौशल आदि सब मिलकर एक निश्चित अनुपात में कार्य करते है.
Aam bolchal ka Siddhant
भाषा का चयन करना बाल केंद्रित का सिद्धांत शिक्षण शत्रु का सिद्धांत सांचौर सिद्धांत आवृत्ति का सिद्धांत परिपक्वता का सिद्धांत वादी सिद्धांत मिलकर के भाषा अर्जुन का सिद्धांत का रूप देते है।
हिंदी भाषा का चयन का सिद्धांत
अधिकतर या देखा जाता है कि किस सिद्धांत या पद्धति का सहारा लिया जा की जानकारी अध्यापक को होनी चाहिए तथा किसी पाठ को किस रूप में प्रस्तुत कर के छात्रों को सरल से सरल रूप में प्रदर्शन हम दिखा सके
बाल केंद्रित का सिद्धांत मैं देखा गया भाषा शिक्षण के समय इस बात का ध्यान दिया जाता है कि अचानक अध्यापक को अत्यंत प्रभावशाली बनाया जाए जिसमें स्वभाव क्षमता रुचि अस्तर आदि का ध्यान रखकर सर्वाधिक आवश्यक तैयार किया जाए।
शिक्षा सूत्रों की माने तो शिक्षण एक महत्वपूर्ण सूत्र है इनके अनुसार शिक्षण कार्य करने से बच्चों को सीखने सरलता सुगमता स्वामित्व प्राप्त होता है जिसे मूर्त से अमूर्त की ओर विशेष से सामान की ओर ज्ञान से अज्ञान की ओर आदि इसकी प्रेरणा मिलती है।
, साहचर्य का सिद्धांत
अधिकतर देखा जाता है कि दूसरों को सुनकर बोलना सीखना कि एक प्रेरणा पर्याप्त संख्या में भाषा छात्रों के साथ सिद्ध कार्य नहीं करते हैं जिससे मम्मी को आने से पहचानना और समझना सीख सकेगा जब मां के द्वार के साथ स्वयं मां को भी यह पिताजी का पाया वाधवन उच्चारण के रूप में पिता को यह भी दिखाना चाहिए।
आदित्य का सिद्धांत
सिद्ध हो चुका है कि भाषा सीखने में आदित्य का बहुत बड़ा महत्व है कोई बात को जितना अधिक दोहराया जाए जितनी जल्दी दोहराया जाए यही भाषा की आदित्य का रूप होता है।
परिपक्वता का सिद्धांत इस मल्टीपल 3:00 पर वर्क वर्क करता है की भाषा एवं स्वरूप अनियंत्रित बोलने में गलत आलू और दांत आज स्वतंत्र जिम्मेदार होते हैं जो किसी भी प्रकार से कमजोरी वर्ष बता सकते हैं।
भाषा शिक्षण की निम्नलिखित विद्या मानी जाती हैं।
1. भाषा शिक्षण की विधियां देखी जाए तो पारस्परिक व्याकरण अनुवाद विधि प्रत्यक्ष तरीका ऑडियो लोकेशन पर आधारित संप्रेषण कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन कम केशन लैंग्वेज टीचिंग तथा लैंग्वेज टाइटल आदि सम्मिलित होकर निर्माण होता है.
भाषा शिक्षण विद्या के गुण दोष
1. भाषा शिक्षण विद्या के बोर्ड निम्नलिखित पाए जाते हैं
हमें हर बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक का सिद्धांत व्यवहारिक सर अगर खास ऐतिहासिक संदर्भ खास हैंड कार्य किया जाता है जिसमें पूर्णतया भाषा सीखने के लिए केवल विषय वस्तु या पोर्ते दिए हुए पाठक पर निर्धारित नहीं होता है समय समय के उपरांत का परिवर्तन मनाया जाता है
भाषा शिक्षण के महत्वपूर्ण लक्ष्य
भाषा शिक्षण के महत्वपूर्ण लक्ष्य वक्ता के कथन को समझने की योग्यता समझ के साथ पाठन की योग्यता होनी चाहिए तथा डिकोडिंग भी साईं समिति की छमता निहित होनी चाहिए सुगमता लेखन लेख होनी चाहिए विभिन्न विषयों की भाषा को समझने की योगिता भी होनी चाहिए भाषा का वैज्ञानिक अध्ययन एक दूसरे के अध्यापन के सिद्धांत भाषा
मेन थिअरी आफ लैंग्वेज टीचिंग मनोवैज्ञानिकों ने अनेक महत्वपूर्ण सिद्धांत संक्षिप्त विवरण भाषा शिक्षण के प्रमुख सिद्धांतों के माध्यम से जाना जाता है।
अनुबंध प्रक्रिया का सिद्धांत
भाषा के अनुबंध का साहचर्य नियम का योगदान सच्चा अवस्था जब बच्चे शब्द सीखते हैं तो सीखना अमूर्त नहीं बल्कि मूर्त की अवस्था में जोड़कर उन्हें सबको जानकारी दी जाती है।
अनुकरण का सिद्धांत
चैंपियन इटली कटी तथा वैलेंटाइन डे ने आज मनोवैज्ञानिकों ने अनुकरण के द्वारा सीखने का अध्यापक प्रणाली लागू किया और इस प्रणाली के माध्यम से परिजनों व साथियों को भाषा अनुकरण करके सीखने की प्रेरणा मिलती है।
सास की बारा अर्जित करने का सिद्धांत
शासकीय का कहना यह साबित हुआ कि नीचे संख्या में कुछ निश्चित नियमों का अनुसरण करते हुए वाक्यों का निर्माण करना सीखना आदि प्रक्रियाएं नए नए नए नए शब्दों का निर्माण करना आदि निहित होता है।
अब पीड़ा वरुचि के सिद्धांत का प्रतिपादन
हिंदी पाठ्य सामग्री प्रणाली के अंतर्गत बच्चों की रुचि आवश्यकता के अनुरूप दिन पर दिन बढ़ती जाती है।
क्रियाशीलता प्रतिपादन का सिद्धांत भाषा शिक्षण में इस सिद्धांत को अपनाए जाने की सिफारिश शिक्षा शास्त्रियों ने किया जिस्म की राशि के लिए छात्रों में पूछना स्कूल का साहित्यिक कार्यक्रम चलना छात्रों के प्रति संवाद स्थापित करना आदि प्रतीत होती थी।
थ्योरी ऑफ एक्सरसाइज
थाना एक ने कहा था कि भाषा एक कौशल विकास की प्रक्रिया है जिसका अभ्यास करने पर प्रमुख रूप से होता है।
समन्वय का जीवन से संबंध व सिद्धांत
बच्चे उन विषयों क्रियाओं से अधिक रूचि लेते जो रोमांचक हो मनोरंजन युक्त हो तथा चटपटे हो आदि का चयन बहुत जल्दी कैप सिटी कैपचरिंग करते हैं।
पाटन सामग्री तथा निश्चित उद्देश्य का सिद्धांत
भाषा शिक्षण के एक नहीं अनेक उद्देश्य मान जाते हैं इसमें ज्ञान कौशल ऊंची अभिति उद्देश्य प्राप्ति आती होती हैं जो निश्चित उद्देश्य सामग्री में सहायक होती है।
विभिन्न नेताओं का सिद्धांत भक्ति
कक्षा के छात्रों को बैंक की विभिन्न हटाएं कोई छात्र शुद्ध उच्चारण नहीं करता है तो कोई लेकर स्पष्ट नहीं करता है कुछ वाचन भी ठीक नहीं बोलते हैं कुछ लेकर शुद्धि लिखते हैं तथा कुसुम और भाषाएं लिखते ऐसे तमाम कमियां आती है अध्यापक इनकी वही मिलता है और कठिनाइयों को ध्यान में रखकर के बीच शिक्षण कार्य का समापन करता है।
अनुपात क्रम का सिद्धांत
आदित्य ने देखा कि भाषा शिक्षण का मूल उद्देश्य भाषा कौशलों के छात्रों को निपुण बनाना है इसमें लेखन कौशल अभिव्यक्ति कौशल पाठक वाचन कौशल श्रवण कौशल आदि सब मिलकर एक निश्चित अनुपात में कार्य करते है.
Aam bolchal ka Siddhant
भाषा का चयन करना बाल केंद्रित का सिद्धांत शिक्षण शत्रु का सिद्धांत सांचौर सिद्धांत आवृत्ति का सिद्धांत परिपक्वता का सिद्धांत वादी सिद्धांत मिलकर के भाषा अर्जुन का सिद्धांत का रूप देते है।
हिंदी भाषा का चयन का सिद्धांत
अधिकतर या देखा जाता है कि किस सिद्धांत या पद्धति का सहारा लिया जा की जानकारी अध्यापक को होनी चाहिए तथा किसी पाठ को किस रूप में प्रस्तुत कर के छात्रों को सरल से सरल रूप में प्रदर्शन हम दिखा सके
बाल केंद्रित का सिद्धांत मैं देखा गया भाषा शिक्षण के समय इस बात का ध्यान दिया जाता है कि अचानक अध्यापक को अत्यंत प्रभावशाली बनाया जाए जिसमें स्वभाव क्षमता रुचि अस्तर आदि का ध्यान रखकर सर्वाधिक आवश्यक तैयार किया जाए।
शिक्षा सूत्रों की माने तो शिक्षण एक महत्वपूर्ण सूत्र है इनके अनुसार शिक्षण कार्य करने से बच्चों को सीखने सरलता सुगमता स्वामित्व प्राप्त होता है जिसे मूर्त से अमूर्त की ओर विशेष से सामान की ओर ज्ञान से अज्ञान की ओर आदि इसकी प्रेरणा मिलती है।
, साहचर्य का सिद्धांत
अधिकतर देखा जाता है कि दूसरों को सुनकर बोलना सीखना कि एक प्रेरणा पर्याप्त संख्या में भाषा छात्रों के साथ सिद्ध कार्य नहीं करते हैं जिससे मम्मी को आने से पहचानना और समझना सीख सकेगा जब मां के द्वार के साथ स्वयं मां को भी यह पिताजी का पाया वाधवन उच्चारण के रूप में पिता को यह भी दिखाना चाहिए।
आदित्य का सिद्धांत
सिद्ध हो चुका है कि भाषा सीखने में आदित्य का बहुत बड़ा महत्व है कोई बात को जितना अधिक दोहराया जाए जितनी जल्दी दोहराया जाए यही भाषा की आदित्य का रूप होता है।
परिपक्वता का सिद्धांत इस मल्टीपल 3:00 पर वर्क वर्क करता है की भाषा एवं स्वरूप अनियंत्रित बोलने में गलत आलू और दांत आज स्वतंत्र जिम्मेदार होते हैं जो किसी भी प्रकार से कमजोरी वर्ष बता सकते हैं।
भाषा शिक्षण की निम्नलिखित विद्या मानी जाती हैं।
1. भाषा शिक्षण की विधियां देखी जाए तो पारस्परिक व्याकरण अनुवाद विधि प्रत्यक्ष तरीका ऑडियो लोकेशन पर आधारित संप्रेषण कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन कम केशन लैंग्वेज टीचिंग तथा लैंग्वेज टाइटल आदि सम्मिलित होकर निर्माण होता है.
भाषा शिक्षण विद्या के गुण दोष
1. भाषा शिक्षण विद्या के बोर्ड निम्नलिखित पाए जाते हैं
हमें हर बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक का सिद्धांत व्यवहारिक सर अगर खास ऐतिहासिक संदर्भ खास हैंड कार्य किया जाता है जिसमें पूर्णतया भाषा सीखने के लिए केवल विषय वस्तु या पोर्ते दिए हुए पाठक पर निर्धारित नहीं होता है समय समय के उपरांत का परिवर्तन मनाया जाता है
भाषा शिक्षण के महत्वपूर्ण लक्ष्य
वक्ता के कथन को समझने की योगिता पाटन की योगिता तथा डिकोडर सहज अभिव्यक्ति की क्षमता सुसंगत लेखन विषयों की भाषा को समझने में योग्यता का विकास सृजनात्मक विकास भाषा का वैज्ञानिक संकेत भाषा के प्रकार आदि सम्मिलित संवेदनशीलता सेन आत्मक भाषा विकास आदि सम्मिलित होता है।